सज - धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी
सज - धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी, ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी
1-पंछी है तू पर खोल पिंजरा तोड़ के उड़ जा ,माया महल के सारे बंधन तोड़ के उड़ जा
सोने की नैया एक दिन जब तुझे बुलाएगी ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी
सज धज कर ……………………………………………
2-छोटा सा तू कितने बड़े अरमान हैं तेरे ,मिटटी का तू सोने के सब सामान हैं तेरे ,
मिटटी की kaya ek दिन मिटटी में समाएगी , ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी
सज धज कर ……………………………………………..
3-अच्छे करम जो किये तूने पाया मानव तन ,किस सोंच में डूबा हुआ है तेरा मूरख मन ,
दिल की धड़कन में मौत जब गुनगुनायेगी ,ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी
सज धज कर …………………………………………..
4-धन दौलत से जब एक दिन खली होंगे तेरे हाथ ,तब अंत समय भगवान् का एक नाम रहेगा साथ ,
श्री राम कृष्ण की वाणी गुमनाम आएगी ,ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी
सज धज कर ……………………………………………..
रतन स्वामी